छत्तीसगढ़

प्राथमिक शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया जा रहा विशेष ध्यान

Shantanu Roy
5 Dec 2024 3:10 PM GMT
प्राथमिक शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर दिया जा रहा विशेष ध्यान
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Sukma. सुकमा। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशानुसार प्राथमिक शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने एवं शिक्षण प्रणाली में सुधार के लिए के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन के कुशल मार्गदर्शन में बच्चों को मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी के आदेशानुसार 5 दिसम्बर तक सम्पूर्ण भारत योजना की परिकल्पना, मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान के लक्ष्य को बच्चों को कक्षा पहली से तीसरी तक भाषा-गणित में दक्षता हासिल करना है। कक्षा पहली के बच्चों को दो अक्षर वाले शब्दों को पढने 99 तक की संख्या लिख पढ लेना, कक्षा दूसरी के बच्चों को सरल वाक्यों को पढने के साथ साथ 999 तक की संख्या पहचानने।


पढने-लिखने कक्षा तीसरी के बच्चों को प्रति मिनट 60 शब्दों को पढना,घडी देखने, कैलेंडर पढने 9999 की संख्या पढने-लिखने और जोडने-घटाने आना चाहिए। एफएलएन का मुख्य उद्देश्य जिले में संचालित प्राथमिक शाला को कक्षा एवं माह दक्षता अनुरुप प्रश्नपत्र एवं आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना है। लर्निंग आऊटकम के प्रश्न पत्र शिक्षार्थ सुकमा द्वारा तैयार किया गया है। जिले के सुकमा,कोन्टा एवं छिन्दगढ विकास खंड अंतर्गत 110 के 750 स्कूलों और 20503 बच्चों का आंकलन सफलतापूर्वक किया गया। इस आंकलन को संकुल, विकास खंड एवं जिला स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा सतत मानिटरिंग की गयी।आंकलन रिपोर्टिंग के लिए पृथक से फार्मेट स्कूलों को दी गयी है। शिक्षक मूल्यांकन कर संकुल, विकास खंड के माध्यम से जिला को जानकारी भेजी जायेगी। तत्पश्चात जानकारी कंपाइल करके प्रोग्रेस रिपोर्ट जिला कार्यालय में जमा की जाएगी।
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